भाजपा की बंपर जीत में संगठन महामंत्री अजेय कुमार की रणनीति रही अजेय

देहरादून:  इस बार उत्तराखंड के विधान सभा चुनाव में भाजपा ने नया इतिहास रचते हुए कुछ मिथक भी तोड़ दिए। इसमें जहां केंद्रीय नेतृत्व का अहम योगदान रहा, वहीं प्रदेश के सभी बड़े नेताओं समेत कार्यकारिणी और संगठन की अथक मेहनत रंग लाई। प्रदेश सरकार के विकास कार्यों पर तो जनता ने मुहर लगाई साथ ही केंद्र और सूबे में डबल इंजन के माध्यम से एक बार फिर प्रदेश में विकास को नई गति देने का संकल्प दोहराया है।
भाजपा की इस जीत में यूं तो सभी का योगदान है, लेकिन संगठन का योगदान सर्वाेपरि है, क्योंकि उनकी टीम ने गांव-गांव जाकर लोगों को जहां प्रदेश की जनहित की नीतियों से परिचित कराया, वहीं केंद्र की योजनाओं के बारे में भी बताया। संगठन महामंत्री अजेय कुमार ने इसकी कमान स्वयं संभाली और कार्यकर्ताओं में जोश और जज्बा भरा। उन्होंने एक इकाई के तौर पर हर कार्यकर्ता को ताकत का एहसास कराया और पूरी ऊर्जा के साथ चुनाव में लड़ने का मंत्र भी दिया। उन्होंने प्रदेश के 13 जिलों में कार्यकर्ताओं की बैठकें लीं और उन्हें जीत के टिप्स भी दिए। दरअसल आज प्रदेश में जो इतनी बड़ी जीत भाजपा को मिली है, उसके मील के पत्थरों में संगठन महामंत्री अजेय कुमार भी हैं। उन्होंने चुनावों से पूर्व ही इसके लिए बाकायदा रूपरेखा बना ली थी और तब गांव-गांव जाकर लोगों को पार्टी हित में अपना समर्थन देने की अपील की। और आज इस मेहनत का असर उत्तराखंड की फिजा में हर कहीं दिख रहा है। यही नहीं इससे पहले करोनाकाल में भी उन्होंने कार्यकर्ताओं से वर्चुअली संपर्क बनाए रखा और पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का संदेश दिया। संगठन महामंत्री अजेय कुमार अपने लक्ष्य में यही नहीं रुके, उन्होंने मंडल कार्यकारिणी और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक भी पहुंच बनाई और उन्हें भी पार्टी की नीतियों से अवगत कराया, ताकि वे जनता से रू-ब-रू होकर पार्टी की नीतियों प्रचार-प्रसार कर सकें। भाजपा के संगठन महामंत्री अजेय कुमार पिछले एक साल से प्रदेश के जिलों से लेकर बूथ तक प्रत्येक कार्यकर्ता से जुड़े रहे और उनमें जोश और जज्बा भरते रहे। इसका नतीजा सबके सामने है।
इस बार का चुनाव सिर्फ नीतियों से ही नहीं लड़ा गया, बल्कि विपक्ष के दुष्प्रचार से भी लड़ा गया और इसमें मीडिया मैनेजमेंट की भूमिका अहम रही। उत्तराखंड में विपक्ष कई जगहों पर बेवजह मुद्दों को तूल देता रहा। लेकिन भाजपा की मीडिया टीम ने इसका बखूबी जवाब दिया और विपक्ष को चारों खाने चित भी किया। इसमें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं चुनाव समिति के मीडिया प्रभारी सुरेश जोशी की रणनीति कारगर रही। उन्होंने प्रदेश के इलेक्ट्रानिक, प्रिंट और सोसल मीडिया की सभी प्रश्नों का समाधान किया और पार्टी की प्रत्येक दिन की ब्रींफिंग को मीडिया तक पहुंचाया। इसके लिए इस बार वार रूम से मीडिया को अलग रखा गया था, ताकि मीडिया कर्मियों को खबरों के लिए असानी रहे। यही वजह रही कि मैंन स्ट्रीम मीडिया में भाजपा की नीतियों की धूम मची रही और विपक्ष को कहीं से भी बोलने का मौका नहीं मिला। जिस मुद्दे को भी विपक्ष लपकता उसका तोड़ भाजपा के मीडिया प्रभारी सुरेश जोशी निकाल लेते और मीडिया को तस्सली से जवाब देते। उन्होंने कहीं पर भी विपक्ष को हावी नहीं होने दिया। सुरेश जोशी पार्टी के प्रवक्ता के तौर पर एक तेज-तर्रार नेता की अपनी छवि के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने अपने इस रुतबे में इस बार और इजाफा किया है। इस टीम के दूसरे अहम खिलाड़ी भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर चौहान रहे। उन्होंने प्रिंट मीडिया मैनेजमेंट की जिम्मेदारी को पूरी कुशलता के साथ संभाला और पत्रकारों को पार्टी की छोटी-बड़ी गतिविधियों की पूरी जानकारी देते रहे। पार्टी की तरफ से प्रदेश मीडिया को संभाल कर उन्होंने पार्टी की जीत को सुनिश्चत करने में मुख्य भूमिका निभाई। वहीं सोसल मीडिया की जिम्मेदारी हरीश चमोली ने संभाली। प्रदेश के न्यूज पोर्टलों से लेकर अन्य वेब न्यूज को पार्टी की तरफ से सकारात्मक खबरें दी गई जिनका जनता पर सही असर रहा और इसका परिणाम आज सबके सामने है। दरअसल आज चुनाव का सबसे बड़ा प्रचार माध्यम सोसल मीडिया बन चुका है। इसमें भी पार्टी ने विपक्ष को कहीं उठने तक का मौका नहीं दिया। पार्टी की सभी गतिविधियां सोसल मीडिया के माध्यम से घर-घर तक पहुंचती रही।