राजधानी का बोझ सहने के लिए तैयार नहीं देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
पौड़ी : पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देहरादून अभी राजधानी के बोझ सहने के लिए तैयार नहीं है। अपने कार्यकाल में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित की थी। कहा कि गैरसैंण में साल में तीन, चार बार बैठक आयोजित होनी चाहिए ताकि अधिकारी वहां जाएं, नीतियां बने। मुझे मौका मिला मैने प्रयास किया। इसलिए गैरसैंण की आवाज उठती रहनी चाहिए।बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री पर्यटन स्थल खिर्सू से पौड़ी पहुंचे। यहां उन्होंने कंडोलिया थीम पार्क का निरीक्षण किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से स्वागत भी किया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बदरीनाथ के दर्शन के बाद चमोली के सीमावर्ती क्षेत्रों में पहुंचे।सेना, पैरामिलिस्ट्री व बॉर्डर स्काउट की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी मुस्तैदी से हमारे जवान बॉर्डर पर सेवाएं दे रहे हैं। यहां तक कि दूरस्थ सीमा क्षेत्रों में महिला चिकित्सकों की तैनाती पर उन्हें गर्व है। कहा कि चीन के सैनिकों के भारतीय सीमा में आने की सूचनाएं भी आती रहती थी। इस बार सीमा क्षेत्र को करीब से देखने का मौका मिला।यह पूछे जाने पर कि यह भ्रमण 2024 में गढ़वाल लोक सभा सीट की दावेदारी के दृष्टिगत तो नहीं है। उन्होंने कहा कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और राजनीति में आए हैं। कहा कि पार्टी की ओर से जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाएंगे।राज्य में हुए भर्ती घोटालों पर उन्होंने कहा कि वे सीबीआई जांच के विरोधी नहीं हैं। भर्ती मामले में एसटीएफ जांच कर रही है। राज्य की एजेंसी है। कई सलाखों के पीछे भेजे जा चुके हैं। इसलिए जांच एजेंसी का मनोबल नहीं तोड़ता चाहिए।उनके कार्यकाल में पौड़ी शहर के विकास की कई घोषणाओं पर अभी तक कार्य शुरू न होने पर उन्होंने कहा कि घोषणा मुख्यमंत्री की होती है। हैरीटेज स्ट्रीट, एनसीसी एकेडमी, सीता सर्किट के निर्माण के लिए वे पौड़ी में बैठक करेंगे। इन घोषणाओं का लेकर मुख्यमंत्री से भी वार्ता करेंगे।ल्वाली झाील पर उन्होंने माना कि इसके डिजाइन में कुछ कमियां रह गईं, इसे बेहतर बनाने को लेकर जिलाधिकारी को अवगत कराया गया गया है।