तीन बच्चों का नाम बाल कल्याण परिषद ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए दिल्ली भेजा
देहरादून : उत्तराखंड के तीन बच्चों का नाम उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए दिल्ली भेज दिए हैं। भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से चयन करने के बाद अदम्य साहस के लिए जनवरी में दिल्ली में पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।भारतीय बाल कल्याण परिषद, नई दिल्ली हर साल देशभर से वीर बालक-बालिकाओं को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार देने के लिए आवेदन मांगती है। पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले बच्चों को परिषद की ओर से विभिन्न वर्गों में प्रशस्ति पत्र व नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।पुरस्कार प्राप्त छात्र-छात्राओं को इंटरमीडिएट, स्कालरशिप स्कीम के तहत स्नानक, स्नातकोत्तर व व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।राज्य स्तर पर भी इन वीर बालक-बालिकाओं को राजभवन में कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल के हाथों सम्मानित किया जाता है। उत्तराखंड में अबतक कुल 14 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिला है। इनमें से जिला देहरादून से सर्वाधिक चार बच्चे शामिल हैं।उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद बाल भवन देहरादून की महासचिव पुष्पा मानस ने बताया कि जिलों से आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 18 सितंबर थी।पुलिस, प्रशासन व परिषद के माध्यम से प्रमाणित करने के बाद तीन आवेदन को भारतीय बाल कल्याण परिषद, नई दिल्ली को भेज दिया गया है। इनमें रुद्रप्रयाग जिले के तिलवाड़ा के ग्राम टमिल्ड निवासी नितिन सिंह, जो एसबीएस राजकीय इंटर कालेज मालतोली में अध्ययनरत है, का नाम शामिल है।इसके अलावा पौड़ी जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय डुंग्री नैनीडांडा आयुष ध्यानी व अमन सुंद्रियाल भी शामिल हैं। दिल्ली से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वालों की सूची जनवरी तक प्राप्त होगी। वहीं, इस बार वर्ष 2020 के विजेताओं को भी पुरस्कार से नवाजा जाएगा। उन्हें कोरोनाकाल के चलते यह पुरस्कार नहीं मिल पाया था।