गांव-गांव में पहुंच रही रुद्रप्रयाग पुलिस की चौपाल
रुद्रप्रयाग, 28 फरवरी। जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस के अन्तर्गत 02 नई पुलिस चौकियों का सृजन हुआ है। इन पुलिस चौकियों में क्रमशः 80 व 24 गांव नियमित पुलिस व्यवस्था में आये हैं, इसके अतिरिक्त 63 गांव थाना चौकियों के सीमा विस्तार के तहत पुलिस क्षेत्र में आये हैं। इस प्रकार से रुद्रप्रयाग के कुल 167 गांव हाल के दिनों में नियमित पुलिस क्षेत्र में आये हैं। किसी भी प्रकार की जनजागरुकता के सशस्त माध्यम स्कूल और विद्यालय होते हैं। कुछ विद्यालयों में आज से प्रारम्भ हो रही गृह परीक्षाओं व आगामी माह मार्च में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के चलते पुलिस द्वारा फिलहाल अपने जनजागरुकता अभियान की दिशा को बदल दिया है। अब जागरुकता बच्चों से होकर नहीं बल्कि सीधे बच्चों के घर गांव पहुंचकर की जा रही है। यानि कि पुलिस के स्तर से गांवों में जाकर ग्रामीणों के बीच बैठकर चौपाल लगायी जा रही है। चौपाल में ग्राम वासियों के हाल चाल जानने के साथ ही चाय की चुस्कियों के साथ पुलिस द्वारा विभिन्न विषयों पर जानकारी दी जा रही है। बूढे़ बुजुर्गों के साथ स्थानीय भाषा में भी वार्तालाप किया जा रहा है। इसी क्रम में आज हाल ही में सीमा विस्तार के चलते कोतवाली रुद्रप्रयाग में सम्मिलित हुए ग्राम बेला के ग्रामीणों के बीच जाकर प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रुद्रप्रयाग जयपाल सिंह नेगी द्वारा चौपाल लगायी गयी। ग्राम वासियों से उनकी कुशल क्षेम पूछकर पुलिस की अपेक्षायें बतायी गयी। अवगत कराया कि हम लोग आपके सहयोग के लिए यहां पर आये हैं। किसी भी प्रकार की पुलिस से सम्बन्धित शिकायत के लिए बेझिझक आ सकते हैं। थाना यहां से ज्यादा दूर भी नहीं है। यहां से पैदल टहलते टहलते भी थाने तक पहुंचा जा सकता है। बाकी कोतवाली रुद्रप्रयाग से सम्बन्धित सरकारी नम्बर व डायल 112 पर कॉल करके किसी भी समय तुरन्त मदद भी लिये जा सकने के सम्बन्ध में बताया गया। इसी प्रकार से चौकी प्रभारी दिनेश सिंह सती द्वारा कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत सम्मिलित हुए ग्राम पीड़ा में जाकर ग्राम प्रधान की उपस्थिति में ग्राम वासियों को साइबर अपराध, महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध, यातायात नियमों का पालन विषयों पर जानकारी देकर जागरुक किया गया। आगामी दिनों में बच्चों के बोर्ड पेपरों के चलते उन पर अनावश्यक दबाव न डालने के बारे में बताया। अपने बच्चों की हर प्रकार की जिद को पूरा करने के बारे में बताया व बच्चों को लिमिट के हिसाब से ही मोबाइल चलाने की छूट देने के बारे में जानकारी दी गयी। साइबर अपराध के प्रति जागरुकता फैलायी गयी। उत्तराखण्ड पुलिस एप व इसके फीचरों की जानकारी दी गयी। ग्राम वासियों से विदा लेकर अगले शिक्षा सत्र में उनके विद्यालयों में भी जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमति प्रकट की गयी।