श्रीनगर गढ़वाल। देवप्रयाग स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथकीर्ति परिसर में धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री जी महाराज वेदशास्त्रानुसंधान केंद्र में संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। उद्घाटन स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी, युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह एवं परिसर के निदेशक डाॅ. पीवीबी सुब्रह्मणीयम ने किया।स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की आने वाली पीढ़ी के लिए यह केंद्र मील का पत्थर साबित होगा। लॉर्ड मैकेले ने साजिश के तहत हमारी पारंपरिक शिक्षा व्यवस्था को खत्म किया और आजादी के बाद भी किसी ने उस शिक्षा व्यवस्था को बदलने का प्रयास नहीं किया। स्वामी अभिषेक ने कहा की पिछले कुछ वर्षों से सरकार का पूरा ध्यान शिक्षा व्यवस्था पर है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा, स्वामी करपात्री जी सच्चे सनातनी और राष्ट्रभक्त थे।युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा की हमें यह तय करना होगा की जब हम भारत की आजादी का शताब्दी वर्ष 2047 मनाएं तो हम उस दौर में खड़े हों जहां दुनिया हमारे पीछे हो। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में नई शिक्षा नीति लागू हुई जिससे हमारे आने वाली पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और सभ्यता का सही ज्ञान मिलेगा। कहा, संस्कृत भाषा हमारा अभिमान है, हमें इसके वैभव को बढ़ाने के लिए काम करना है।

श्रीनगर गढ़वाल। देवप्रयाग स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथकीर्ति परिसर में धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री जी महाराज वेदशास्त्रानुसंधान केंद्र में संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। उद्घाटन स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी, युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह एवं परिसर के निदेशक डाॅ. पीवीबी सुब्रह्मणीयम ने किया।स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की आने वाली पीढ़ी के लिए यह केंद्र मील का पत्थर साबित होगा। लॉर्ड मैकेले ने साजिश के तहत हमारी पारंपरिक शिक्षा व्यवस्था को खत्म किया और आजादी के बाद भी किसी ने उस शिक्षा व्यवस्था को बदलने का प्रयास नहीं किया। स्वामी अभिषेक ने कहा की पिछले कुछ वर्षों से सरकार का पूरा ध्यान शिक्षा व्यवस्था पर है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा, स्वामी करपात्री जी सच्चे सनातनी और राष्ट्रभक्त थे।युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा की हमें यह तय करना होगा की जब हम भारत की आजादी का शताब्दी वर्ष 2047 मनाएं तो हम उस दौर में खड़े हों जहां दुनिया हमारे पीछे हो। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में नई शिक्षा नीति लागू हुई जिससे हमारे आने वाली पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और सभ्यता का सही ज्ञान मिलेगा। कहा, संस्कृत भाषा हमारा अभिमान है, हमें इसके वैभव को बढ़ाने के लिए काम करना है।