110 कर्मचारियों की बर्खास्तगी आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

नैनीताल : 2021 में विधानसभा सचिवालय में नियुक्त सौ से अधिक अस्थाई कार्मिक बर्खास्तगी के आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। कोर्ट ने 110 कर्मचारियों की बर्खास्तगी आदेश पर फिलहाल रोक लगाते हुए सरकार व विधानसभा सचिवालय से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।कोर्ट ने कहा है कि विधानसभा सचिवालय नियमित नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर सकता है और यह कर्मचारी नियुक्ति प्रक्रिया को बाधित नहीं करेंगे। कार्यभार ग्रहण करने से पहले कर्मचारी विधानसभा सचिवालय में शपथपत्र भी देंगे। इससे पहले कोर्ट विधानसभा के बर्खास्त तीन सौ से अधिक कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर रोक लगा चुकी है।बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में विधानसभा सचिवालय से हटाई गई मीनाक्षी शर्मा समेत अन्य 71 अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। विधान सभा सचिवालय ने स्पीकर की ओर से बनाई गई उच्चस्तरीय समिति की सिफारिश के आधार पर 26 ,27 ,28 को इन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश थपलियाल ने कोर्ट को बताया कि विधान सभा अध्यक्ष ने लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी । इन कर्मचारियों का पक्ष तक नहीं सुना गया और जबकि यह सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति कार्य कर रहे थे। उन्हें किसी आधार पर बर्खास्त किया गया, आदेश में इसका उल्लेख नहीं है।याचिका में कहा गया है कि 2014 तक तदर्थ रूप से नियुक्त कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी जबकि नियमानुसार छह माह की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था। विधान सभा सचिवालय का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता विजय भट्ट ने कहा कि इनकी नियुक्ति बैकडोर के माध्यम से हुई है और इन्हें काम चलाऊ व्यवस्था के आधार पर रखा गया था, उसी के आधार पर इन्हें हटा दिया गया। इन कर्मचारियों की नियुक्ति 2021 में हुई है।