उत्तराखण्ड पॉवर कारपोरेशन के लिये अहमियत नहीं रखती आचार संहिता

चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा यूपीसीएल
उत्तराखण्ड पॉवर कारपोरेशन कर रहा सरकार की उपलब्धियों का बखान
देहरादून 8 अप्रैल । इन दिनाें पूरे देश के 31 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में आम चुनाव 2024 चल रहे है। 543 लोकसभा सीटाें के लिये 140 करोड़ जनसंख्या वाले देश के 97 करोड़ मतदाता अपनी नयी सरकार को चुनने के लिये मतदान के दिन का इंतजार कर रहे है। आम चुनाव 2024 के लिये भारत निर्वाचन आयोग विगत 16 मार्च 2024 चुनाव आचार संहिता लागू कर चुका था जहां दिल्ली में भारत निर्वाचन आयोग ने आम चुनाव 2024 की तिथियों का ऐलान किया वैसे ही संपूर्ण देश में चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव आचार संहिता राष्ट्रीय पार्टियों, राजनेताओं, मंत्रियों से लेकर सरकारी विभागों के अधिकारी, कार्मिकों के लिये दिशा निर्देश भी जारी कर दिये थें। उन्हें यह बता दिया गया था कि आचार संहिता में क्या करना है क्या नहीं। सर्वविदित है कि चुनाव आचार संहिता लागू होते ही सरकार के प्रचार प्रसार के सभी कार्य रूक जाते हैं। सार्वजनिक स्थानों से पोस्टर, बैनर, होर्डिग्स, हटा दिये जाते है। किसी भी ऐसी चीज को सार्वजनिक नहीं किया जाता जो सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहे हो। यहीं कारण है कि सभी सरकारी वेबसाईट से सरकार की उपलब्धियों का बखान करने वाली सामग्रियों को हटा दिया जाता है। फिर चाहे वह केंद्र सरकार की हो या फिर राज्य सरकार की उपलब्धियां। सभी इस नियम के दायरे में आती है लेकिन लगता है कि उत्तराखण्ड राज्य का उत्तराखण्ड पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी की गयी चुनाव आचार संहिता को नहीं मानता है। शायद यहीं कारण है कि उत्तराखण्ड पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल)की विभागीय वेबसाइट ूूूण्नचबसण्वतह आज भी सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रही है। इस वेबसाइट में सबसे पहले तो सरकार की योजनाओं के दो विज्ञापन चल रहे है जिसमें सबसे पहले नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रलय भारत सरकार का विज्ञापन है जो कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से संबंधित है इस विज्ञापन के माध्यम से यह भी बताया जा रहा है कि उत्तराखण्ड राज्य में 1 लाख 29 हजार तक की सब्सिडी दी जायेगी जो कि सीधा सीधा सरकार की योजना का उल्लेख करता है और सरकार की योजना का बखान करने के लिये यह विज्ञापन काफी है। वहीं शेष अन्य विज्ञापन में विभाग अपनी उपलब्धियों का बखान कर रहा है। बात यहीं खत्म नहीं होती यूपीसीएल के जिम्मेदार अधिकारियों ने वेबसाइट में सरकार की उपलब्धियाें से संबंधित 317 पेज की एक ई-पुस्तक ‘मेरी योजना मेरा अधिकार, अपणि सरकार जनता के द्वार’ भी अपलोड की हुई है। इस पुस्तक में सूबे के मुखिया सहित सभी कैबिनेट मंत्रियों की फोटो लेख के साथ प्रकाशित है। खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब सरकार के विकास योजनाओं से संबंधित पुस्तक अपलोड की गयी है तो उसके 317 पेज में कितने विकास कार्यो को समाहित किया गया होगा। यह खुद में एक विकास योजनाओं का ग्रंथ है। इससे ज्यादा सरकार की उपलब्धियों का बखान करने का कोई और माध्यम नहीं बचता। अब सबसे बड़ी बात यह खड़ी हो रही है कि यूपीसीएल की जिस वेबसाइट पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में उपभोक्ता अपने बिल जमा कराने के साथ ही अन्य कार्य करते है क्या उन्हें सरकार की उपलब्धियों की जानकारी नहीं मिल रही। निश्चित रूप से यूपीसीएल का यह कदम चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरें में आता है। यह भी संभव है कि उत्तराखण्ड पॉवर कारपोरेशन के जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर सरकार को लाभ पहुंचाने के लिये मेरी योजना पुस्तक को वेबसाइट से नहीं हटा रहें है। जब इस संबंध में उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन के महाप्रबंधक से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया तो उनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका। अब उम्मीद यहीं है कि भारत निर्वाचन आयोग इस मामले पर गौर करे और उत्तराखण्ड पॉवर कारपोरेशन की वेबसाइट से सरकार की उपलब्धियो का बखान करने वाली ई पत्रिका के साथ ही अन्य विज्ञापन भी हटवायें और साथ ही चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही सुनिश्चित करें ताकि उनका यह कदम अन्य विभागों के लिये भी नजीर बने।